बुधवार, 28 जुलाई 2010

आज मेरा ही हाथ वहा तक नहीं पहुचता ...

बरसों पहले चंद पंक्तियाँ कही पढ़ी थी ... उस वक़्त इतनी छोटी थी कि इन पंक्तियों का अर्थ नहीं समझ पाई थी .. किन्तु फिर भी पंक्तियाँ इतनी अच्छी लगी थी कि सीधे मन में कहीं गहरे तक पैठ गयी थी .. आज यू ही ये पंक्तियाँ याद आ गयी तो सोचा आप सभी को भी पढवा दूँ .हालाँकि मुझे ये पता नहीं है कि ये किन्होने लिखी है .. शायद अम्रता प्रीतम जी की हो .. आप में से किसी को पता हो तो जरूर बताये..



तेरे मेरे रिश्ते को मैंने रखा इतना उपर 
अपनों से , परायों से ...
रिश्तों से ,नातों से ..
रीतों से रिवाजों से ...
रस्मों से ,कसमों से ...
सच से , झूठ से ...
वर्तमान से , भूत से ...
आशा से , निराशा से ...
सुख से , दुःख से 
जीवन से , म्रत्यु से
हर चीज़ से इतना ऊपर 
कि आज मेरा ही हाथ वहा तक नहीं पहुचता ... 

52 टिप्‍पणियां:

Deepak Shukla ने कहा…

hi..

Sundar Bhav...

Deepak

शिवम् मिश्रा ने कहा…

बहुत बढ़िया रचना है !

मुकेश कुमार सिन्हा ने कहा…

Rishto ko achchha byan kiya.......:)

शारदा अरोरा ने कहा…

वाह जी क्या बात है ...अपनी ही पहुँच से बाहर हो गई बात

Udan Tashtari ने कहा…

पता नहीं किसकी है...शैली से तो अमृता प्रीतम की हो सकती है..मगर अच्छा लगा पढ़कर. आभार.

Alpana Verma ने कहा…

मालूम नहीं किस की लिखी कविता है,लेकिन बहुत ही अच्छी है.

दिगम्बर नासवा ने कहा…

बहुत खूब ... फांसला इतना की हाथ बड़ा कर छू भी न सको .... लाजवाब रचना है .....

Indranil Bhattacharjee ........."सैल" ने कहा…

रचना बहुत सुन्दर है ...
किसकी है ये पता नहीं

अंजना ने कहा…

जिस ने लिखा है ,बहुत सुन्दर लिखा है।आभार

CS Devendra K Sharma "Man without Brain" ने कहा…

sunder....kam shabdo me badi rachna..!!!!!!!

Neeraj Kumar ने कहा…

बहुत अच्छे भाव हैं इस कविता के जो अनायास ही हृदय को उद्वेलित कर देते हैं और और इच्छा होती है कि बीते जीवन के हिसाब-किताब किया जाये...

बेनामी ने कहा…

आह! - बहुत खूब. रचनाकार को बधाई और पढ़वाने के लिए आपका धन्यवाद्

Ravi Kant Sharma ने कहा…

जिनके भी भाव हैं, सत्य को उजागर करते हैं।
जब व्यक्ति के भाव इन सभी
अवस्था से ऊपर उठ जातें हैं,
फिर हाथ पहुँचे या न पहुँचे
लेकिन छूने की इच्छा
समाप्त हो जाती है।
स्वाती जी, शुक्रिया!

Apanatva ने कहा…

jis kisee kee bhee rachana ho shukrguzar to hum aapke hai........... aapke madhym se hee padne ka avsar jo milaa .bahut gahre bhav liye bheetar tak utar ghar kar jane walee rachana........
aabhar

sandhyagupta ने कहा…

कविता किसकी है यह तो पता नहीं पर इसे पढवाने के लिए आप जरुर धन्यवाद की पात्र हैं.

manjeet ने कहा…

bahut khoob .. thanks fr sharing

Shabad shabad ने कहा…

वाह....
दिल में उतरती चली गई हर पंक्ति...
अच्छी कविता पढ़वाने के लिए शुक्रिया।

Satish Saxena ने कहा…

बहुत खूब ....जीवन की फिलासफी है इसमें कुछ हद तक वास्तविकता भी...शुभकामनायें !

रचना दीक्षित ने कहा…

लाजवाब!!!!!!!!!बहुत बढ़िया रचना है

सूफ़ी आशीष/ ਸੂਫ਼ੀ ਆਸ਼ੀਸ਼ ने कहा…

!!!!!!!!!!!

अभिन्न ने कहा…

jisne bhi likhi bahut achchhi likhi lekin aap dwara hame padhvaane ke liye bahut shukriya....jaise hi pata chalega jarur batayenge

Ashish (Ashu) ने कहा…

सुन्दर भावों से भरी हुयी........है आपकी रचना .

सूफ़ी आशीष/ ਸੂਫ਼ੀ ਆਸ਼ੀਸ਼ ने कहा…

सिर पर चढाने का नतीजा.....
हा हा हा!
मज़ाक को एक तरफ रख दें तो खूबसूरत रचना!

Parul kanani ने कहा…

amazing...swati..just beautiful!

देवेन्द्र पाण्डेय ने कहा…

..आज मेरा ही हाथ वहा तक नहीं पहुचता ...
..बहुत खूब. कुछ रिश्ते ऐसे होते हैं जो सीधे दिल में उतर जाते हैं. उन तक हाथ नहीं पहुंचता अर्थात अपना वश नहीं चलता.

Kajal Kumar's Cartoons काजल कुमार के कार्टून ने कहा…

अच्छी रचना है. आभार.

दिगम्बर नासवा ने कहा…

बहुत खूब ... ये रिश्ता भी अजीब होता है .......

एक बेहद साधारण पाठक ने कहा…

हाँ सुन्दर भाव है

@रिश्तों से ,नातों से ..रीतों से रिवाजों से ...रस्मों से ,कसमों से ...सच से , झूठ से

हर कोमा के चिन्ह के साथ के साथ उंचाई बढती जा रही थी "रिश्ते की"

vijay kumar sappatti ने कहा…

BAHUT HI SUNDAR RACHNA ...PREM AUR MITRATA KE GAHRE BHAAVO KO UJAAGAR KARTI HUI .. BADHAYI SWEEKAR KARIYE ..


VIJAY
आपसे निवेदन है की आप मेरी नयी कविता " मोरे सजनवा" जरुर पढ़े और अपनी अमूल्य राय देवे...
http://poemsofvijay.blogspot.com/2010/08/blog-post_21.html

डॉ० डंडा लखनवी ने कहा…

अति सुन्दर........।

SATYA ने कहा…

सुन्दर रचना।

यहाँ भी पधारें :-
No Right Click

कविता रावत ने कहा…

samay ke saath arth samjh aata hai..
bahut achha aapke blog par aakar..
haardik shubhkamnayne

Pushpendra Singh "Pushp" ने कहा…

badhiya rachna
badhai

रंजू भाटिया ने कहा…

जिसकी भी है बहुत बहुत बढ़िया है ...रिश्ते की सही परिभाषा

योगेन्द्र मौदगिल ने कहा…

behtreen bhavabhivyakti........sadhuwaad..

नीरज गोस्वामी ने कहा…

क्षमा कीजिये देर से पहुंचा हूँ...आपकी ये रचना कमाल की है...चंद लफ़्ज़ों में रिश्तों पर बहुत गहरी बात की है आपने...बधाई...
नीरज

दीपक बाबा ने कहा…

बहुत अच्छा ब्लॉग लगा ........ और कविताओं के भाव भी सुंदर है.

जुलाई के बाद अभी तक कुछ नहीं लिखा.....

हमें लिखना नहीं आता फिर भी खाम्खावाह लिखते रहते हैं........ और आप तो बहुद बढिया लिखती हैं.. स्थगित मत कीजिए.

Deepak chaubey ने कहा…

दीपावली के इस पावन पर्व पर आप सभी को सहृदय ढेर सारी शुभकामनाएं

RockStar ने कहा…

nice aap agli post ke bare me soch ke mujhe batana jaroor, and wish u a happy diwali and happy new year

Aruna Kapoor ने कहा…

ati sundar rachana se aapne rubaru karaya hai, dhanyawaad!

Aruna Kapoor ने कहा…

sundar rachana se aapane rubaru karaaya hai, dhanyawaad!

कुमार राधारमण ने कहा…

मैं ऐसे कुछ ब्लॉगरों को जानता हूं जिन्होंने मशहूर हस्तियों की रचनाएं अपने नाम से छाप लीं। आपकी नेकनीयती को सलाम।
सारी उम्र का निवेश ज़रुरत के वक्त लुटा देखकर पत्थर हृदय भी भावुक होगा।

जितेन्द्र ‘जौहर’ Jitendra Jauhar ने कहा…

हुज़ूर...
इसे कहते हैं गुण-ग्राहकता...! आपको कुछ अच्छा लगा, तो उसे ग्रहण किया आपने... और दूसरों से शेयर भी किया...साधुवाद!

चिंतन को कुरेदने वाला तत्त्व है इस लघु रचना में...रचनाकार को बधाई!

सहज समाधि आश्रम ने कहा…

जितनी तारीफ़ की जाय कम है ।
सिलसिला जारी रखें ।

सहज समाधि आश्रम ने कहा…

जितनी तारीफ़ की जाय कम है ।
सिलसिला जारी रखें ।

केवल राम ने कहा…

आज पहली बार आपके ब्लॉग तक पहुंचा ...आपकी रचनात्मक प्रतिभा का कोई जबाब नहीं ....प्रभावित कर दिया आपने ...नयी पोस्ट का इन्तजार रहेगा ...धन्यवाद

केवल राम ने कहा…

आपको नव वर्ष 2011 की हार्दिक शुभकामनायें ...स्वीकार करें

निर्झर'नीर ने कहा…

जब भी आपके ब्लॉग पे आता हूँ हमेशा इन्ही पंक्तियों पे आके ठहर जाता हूँ ..
सागर में गागर ..समेटा हुआ है .

विभा रानी श्रीवास्तव ने कहा…

मंगलवार 05/02/2013को आपकी यह बेहतरीन पोस्ट http://nayi-purani-halchal.blogspot.in पर लिंक की जा रही हैं .... !!
आपके सुझावों का स्वागत है .... !!
धन्यवाद .... !!

Anita Lalit (अनिता ललित ) ने कहा…

बहुत सुंदर! रिश्ते दिल की गहराई में भी ऐसे पैठे होते हैं...कि वहाँ तक पहुँचना भी मुश्किल है....
~सादर!!!

Anita Lalit (अनिता ललित ) ने कहा…

बहुत सुंदर! रिश्ते दिल की गहराई में भी ऐसे पैठे होते हैं...कि वहाँ तक पहुँचना भी मुश्किल है....
~सादर!!!

Tamasha-E-Zindagi ने कहा…

एक दम सटीक पंक्तियाँ | अद्भुत

Tamasha-E-Zindagi
Tamashaezindagi FB Page