बहुत अच्छी कविता है , थोड़ी मेरी रचना भी पढिएगा..... अभी बनाई है
मोती है अच्छे सुन्दर है मोती रचना के मामले में असली मोल है धागे का जिनसे माला तैयार होती कहें उसे भावना या कहें एहसास शब्दों की कमी अक्सर किसके पास है होती इसीलिए तो असली मोल है धागे का जिनसे माला तैयार होती
shabd bara badmaash hai.......kabhi gale milta hai to ungliyan paper pe thirakne lagti hai.......aur ek kavita tayar blog pe post hone ke liye.......:D
aur kabhi kabhi........bahut dushmani nikalta hai........mahino beet jaate hain, kuchh soch ya samajh nahi paate.......:( hai na........
bilkul sahi kaha swati jiaapne shabdon ki moti milti hai to ban jaati hai kavita rupi mala. pal bhar me jo kho jaate shabd suna suna hojata man jaise khali makan ko khola. poonam
40 टिप्पणियां:
सही कह रही हैं स्वाति जी। सुंदर।
भावों के धागे में जब शब्द रूपी मोती पिरोये जायेंगे तो निश्चित ही सुन्दर कविता का जन्म होगा...
सुन्दर!
शुभकामनाएं....
बहुत बार होता है बिलकुल ऐसा ही...सटीक अभिव्यक्ति
आपने सुन्दर लिखा है . बिखरे हुए अहसास भी तो कितना कुछ पकड़ लाते हैं ...
बहुत सुंदर
behd khubsurat ehsaas..
regards
बहुत अच्छी कविता है , थोड़ी मेरी रचना भी पढिएगा..... अभी बनाई है
मोती है अच्छे
सुन्दर है मोती
रचना के मामले में
असली मोल है धागे का
जिनसे माला तैयार होती
कहें उसे भावना
या कहें एहसास
शब्दों की कमी अक्सर
किसके पास है होती
इसीलिए तो
असली मोल है धागे का
जिनसे माला तैयार होती
बिलकुल सही - तार्तिक प्रस्तुति.
वक़्त-वक़्त की बात है!
मेरे साथ भी ऐसा ही होता है.....
अच्छे उदगार....
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इट्स टफ टू बी ए बैचलर!
सुंदर रचना के लिए आपको बधाई।
शब्दों को बहुत सलीके से गूँथा है आपने।
................
अपने ब्लॉग पर 8-10 विजि़टर्स हमेशा ऑनलाइन पाएँ।
bhaav ghehre hai.....
sunder atii sunder.
shabd bara badmaash hai.......kabhi gale milta hai to ungliyan paper pe thirakne lagti hai.......aur ek kavita tayar blog pe post hone ke liye.......:D
aur kabhi kabhi........bahut dushmani nikalta hai........mahino beet jaate hain, kuchh soch ya samajh nahi paate.......:(
hai na........
ek achchhi rachna.......
सुन्दर शब्दों के साथ भावपूर्ण प्रस्तुति ।
मेरे ब्लाग पर आपके आने का बहुत-बहुत आभार ।
बहुत सुन्दर रचना लिखी है आपने ..सही कहा पसंद आई बहुत शुक्रिया
चित्र सुन्दर है ।
सच में ऐसा ही होता है कभी कभी.
sundar abhivyakti !
विचारों को शब्द मिलने से ही तो रचना का निर्माण होता है ...
सही कहा अपने कभी शब्द गम हो जाते हैं तो कभी शब्द अनायास मिल जाते हैं......शायद यही कविता है.
रचना-प्रक्रिया की बेचैनी को व्यक्त करती रचना ! सुन्दर ! मेरे ब्लॉग पर पधारने का शुक्रिया !
bilkul sahi kaha swati jiaapne shabdon ki moti milti hai to ban jaati hai kavita rupi mala.
pal bhar me jo kho jaate shabd
suna suna hojata man jaise
khali makan ko khola.
poonam
स्वाति जी मेरे ब्लॉग पर आने के लिए आभार. सच कभी बिखर जाये ये अहसास तो ऐसा ही होता है बेहतरीन प्रस्तुती
hi...
sundar kavita...aaj kafi samay pashchat aapke blog par aaya...
sundar likhti hain aap..
Deepak..
aaj se main bhi aapka follower hua...
बहुत सुन्दर कल्पना और कृति
bahot achche.
कभी बिखरे मोति माला बन जाते है...तो कभी माला से अलग हो कर, एक एक मोति अपना अस्तित्व जताता है....अति सुंदर भाव!
wah..shbdon ka sundar tana-bana!
बहुत सुंदर है यह माला।
................
नाग बाबा का कारनामा।
महिला खिलाड़ियों का ही क्यों होता है लिंग परीक्षण?
अभिव्यक्ति बहुत सुंदर लगी...
aksar aisa hi hota hai .bahut achhi abhivykti
बिल्कुल सही कहा आपने कविता तो मन के भाव है..
behtareen
बहुत खूब।
sundar poem...came to ur blog first time...
sundar poem...came to ur blog first time...
छोटे उस्ताद और उनकी सोच - - क्या बात है
आपके सभी प्रयास सार्थक हों...शुभकामनाएं
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