बुधवार, 16 जनवरी 2008

अच्छा लगता है मुझे




अच्छा लगता है मुझे
यू ही विचारो मे खो जाना
कुछ नया सोचना कुछ समझना और समझाना
विचारो के ताने बाने बुनते चले जाना
कुछ जोड़ना और कुछ उधेड़ते चले जाना ..
अच्छा लगता है मुझे
यू ही यादो के सागर मे हिलोरे मारना
जीवन के सफर मे पीछे मुड़कर देखते जाना
अंतर की बातो को खुद से ही कहते जाना
कुछ लिखना और कुछ यू ही भूल जाना
अच्छा लगता है मुझे
यू ही भावनाओ मे बहते जाना
चिन्ताओ से दूर कभी बेफिक्र हो जाना
ढलती हुई शाम को खामोश देख पाना
मन को ओझल कर भीड़ मे खो जाना

कोई टिप्पणी नहीं: